प्यार कैसा होता है
क्या तुम ये भी नहीं जानते ....?
आँख छलक जाये
पर जुबान पर न आये
कुछ 'ऐसा' होता है - ये प्यार
किसी को सपनों में पहली बार
'छूने' जैसा होता है - ये प्यार
जो बात बात पर कहे - तुम पागल हो
कुछ उस 'पागल' के जैसा होता है - ये प्यार
सिंदूर - जो सूरज की लाली से
चुरा कर रखा था उसने .... उसके लिए
कुछ उस 'चोर' के जैसा होता है - ये प्यार
जो एक अतीत के ख्वाब के सहारे
अपना पूरा जीवन गुज़ार दे
कुछ 'उसके' जैसा होता है - ये प्यार...
गुंजन
१७/९/११
प्यार का फलसफा
ReplyDeleteअब इस के सिवा
और हो भी क्या सकता है ... !
अच्छा काव्य !!
खूबसूरत कविता !
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