Friday 30 September 2011

ये प्यार .......



प्यार कैसा होता है
क्या तुम ये भी नहीं जानते ....?

आँख छलक जाये
पर जुबान पर न आये
कुछ 'ऐसा' होता है - ये प्यार

किसी को सपनों में पहली बार
'छूने' जैसा होता है - ये प्यार

जो बात बात पर कहे - तुम पागल हो
कुछ उस 'पागल' के जैसा होता है - ये प्यार

सिंदूर - जो सूरज की लाली से
चुरा कर रखा था उसने .... उसके लिए
कुछ उस 'चोर' के जैसा होता है - ये प्यार

जो एक अतीत के ख्वाब के सहारे
अपना पूरा जीवन गुज़ार दे
कुछ 'उसके' जैसा होता है - ये प्यार...

गुंजन
१७/९/११

2 comments:

  1. प्यार का फलसफा
    अब इस के सिवा
    और हो भी क्या सकता है ... !

    अच्छा काव्य !!

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