Sunday 8 January 2012

प्यार



मैं शहजादी बन गयी
तुम्हारा प्यार पा कर
और तुम फकीर हो गए
मुझसे प्यार कर कर ..

गुंजन
३०/१२/११

8 comments:

  1. क्या बात है जी बहुत गहरे

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  2. मैं शहजादी बन गयी
    तुम्हारा प्यार पा कर
    और तुम फकीर हो गए
    मुझसे प्यार कर कर …


    गुंजन जी
    यह तो आपका भ्रम है !

    प्यार पाने वाला ख़ुद को ख़ुदा मानने लगता है …
    या फिर ,अपने आप को बादशाह से कम तो हरगिज़ नहीं समझता …


    :)

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  3. प्यार में हर कोई सम्पुरण और संतुष्ट ही होता है...प्यार तो ईश्वर का ही दूसरा नाम है.
    पहली बार ही ये हूँ आपके ब्लॉग पर किन्तु आकर अच्छा लगा :)

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  4. :) jane kitni shahzadiyan hai asi...ek puja ek aap...accha laga padhkar

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  5. गुंजन जी
    नमस्कार !

    आशा है सपरिवार स्वस्थ सानंद हैं
    नई पोस्ट बदले हुए बहुत समय हो गया है …
    आपकी प्रतीक्षा है सारे हिंदी ब्लॉगजगत को …
    :)

    शुभकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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